Sunday 30 April 2023

कैसी दूरी - दोहे

 



अपनों से दूरी बनी, मिला गैर का साथ।
आफत में कोई नहीं, मलो बैठ कर हाथ।।

रखकर जीवन पाक ही, काम करें कुछ नेक।
अच्छे को अपनाइए, ग़लत दीजिए फेक।।

कैसे होती दूरियांँ, रही याद जो पास।
यादों की जादूगरी, मधुर सभी अहसास।।

चाहे जितनी दूरियाँ, बने रहोगे खास।
हुई जनम भर के लिए, सजना तेरी दास।।

आज मशीनी काल है, दूरी मिटी तमाम।
करे वीडियो कॉल से, सभी ज़रूरी काम।।

*** साधना कृष्ण

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