अभी अभी बही बयार सावनी सुहावनी

  अभी अभी बही बयार सावनी सुहावनी। झरी झरी पराग सी सुगंध शीत स्रावनी॥ निहारिका बिछी अनंत पात पात फंद में। खिली कली निशांत पुष्प शब्द...