नये वर्ष का स्वागत करने, जश्न मने हर गाँव में।
चौपालों पर चिंतन करते, तापें हाथ अलाव में।।
क्या खोया क्या पाया हमने, सीख सके कुछ भूल से।
विगत वर्ष में पिछड़े हम क्यों, हटकर जरा उसूल से।।
रुके नहीं पथ पर बढ़ने से, आकर किसी प्रभाव में।
नये वर्ष का स्वागत करने, जश्न मने हर गाँव में।।
प्रेम-भावना बढ़े दिलों में, कदम बढ़ाएँ साथ में।
बढ़े हौसला दीन-हीन का, दीप जले हर पाथ में।।
नहीं दिलों से नफरत झलके, दीनों से बर्ताव में।
नये वर्ष का स्वागत करने, जश्न मने हर गाँव में।।
जोश दिलाएँ नव-युवकों को, गुरुवर भाव पुनीत से।
मन से स्वच्छ बनाएँ उनको, सदा सुचारू रीत से।।
घर का गौरव बढ़ा सकें सब, फँसे न किसी दुराव में।
नये वर्ष का स्वागत करने, जश्न मने हर गाँव में।।
लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला
गीत रचना प्रकाशित करने के लिए हार्दिक आभार आ. Vishwajeet Sapan जी ।
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