सारे उम्र दराज का, सदा करें सम्मान।
आदर से वंदन करें, त्याग सभी अभिमान।।
नतमस्तक जब आप हों, मिलता आशीर्वाद।
सफल रहें आशीष से, रखें हमेशा याद।।
सम्मानों से ही पड़े, संस्कारों की नीव।
संस्कारित हर व्यक्ति के, होते स्वप्न सजीव।।
मात-पिता गुरु जेष्ठ का, करें हमेशा मान।
किसी परिस्थिति में कभी, नहीं करें अपमान।।
आदर की यदि कामना, करें सभी का मान।
द्विगुणित हो वापस मिले, सत्य यही लें जान।।
चंद्र पाल सिंह "चंद्र"
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