Sunday 15 January 2023

दो कुंडलिया

 

सीमा पर सैनिक खड़ा, पूरा ध्यान लगाय।
दुश्मन उसके शौर्य से, छिपा हुआ थर्राय।।
छिपा हुआ थर्राय, हिंद से पार न पाए।
गरजे अपना लाल, गर्व से मां मुस्काए।।
कभी न हो अभियान, देश का अपने धीमा।
रहे सुरक्षित चीन-पाक से अपनी सीमा।।


पूरा करना राम जी, सबका अच्छा काम।
दुखी न कोई भी रहे, पाए सुख, आराम।।
पाए सुख, आराम, नहीं कोई भी रोए।
करें सभी श्रम खूब, तरक्की सबकी होए।।
रहे न कोई स्वप्न, किसी का कभी अधूरा।
चहके भारत देश, मनोरथ होए पूरा।।

*** राजकुमार धर द्विवेदी

No comments:

Post a Comment

श्रम पर दोहे

  श्रम ही सबका कर्म है, श्रम ही सबका धर्म। श्रम ही तो समझा रहा, जीवन फल का मर्म।। ग्रीष्म शरद हेमन्त हो, या हो शिशिर व...