Sunday, 12 July 2020

सरसी या कबीर छंद



पाँच कदम वह आगे बढ़ता, पीछे जाता तीन।
हरदम धोखा देता रहता, नहीं भरोसा चीन।।
यही किया था उसने अपनी, घाटी में गलवान।
उसे खदेड़ा अब फिर पीछे, भारत वीर जवान।।


सजग रहो सब सीमा प्रहरी, नहीं करो विश्वास।
हथियारों से लैस रहो तुम, जब भी जाओ पास।।
अपना निर्णय आप करो तुम, देश तुम्हारे साथ।
आँख दिखाये अगर चीन जो, कर लो दो-दो हाथ।।


*** चन्द्र पाल सिंह "चन्द्र" ***

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