फूल ने फूल से फूल सी बात की,
मानो उल्फ़त ने गुल से मुलाकात की,
प्यार की तिश्नगी को सबब मिल गया,
कौन लिक्खे कथा ऐसे हालात की।
उनके गालों के गुल पर कहा शे'र जब,
तमतमाने लगे तैश में बे-सबब,
हमने' ग़ुस्ताख़ी' की माँग लीं माँफ़ियाँ,
बोले ज़ुल्फों पे' भी तो कहो एक अब।
*** यशपाल सिंह कपूर ***
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