Sunday, 2 December 2018

दो फूल




फूल ने फूल से फूल सी बात की,
मानो उल्फ़त ने गुल से मुलाकात की,
प्यार की तिश्नगी को सबब मिल गया,
कौन लिक्खे कथा ऐसे हालात की। 


उनके गालों के गुल पर कहा शे'र जब,
तमतमाने लगे तैश में बे-सबब,
हमने' ग़ुस्ताख़ी' की माँग लीं माँफ़ियाँ,
बोले ज़ुल्फों पे' भी तो कहो एक अब। 


*** यशपाल सिंह कपूर ***


No comments:

Post a Comment

"फ़ायदा"

  फ़ायदा... एक शब्द जो दिख जाता है हर रिश्ते की जड़ों में हर लेन देन की बातों में और फिर एक सवाल बनकर आता है इससे मेरा क्या फ़ायदा होगा मनुष्य...