Sunday 24 June 2018

करें नित्य हम योग (गीत)


------------------------------
योग पुरातन आज जगत में, बना देश की शान।
विश्व मनाता योग दिवस अब, ये भारत का मान।।


तन बलशाली बने योग से, स्वस्थ बनें मन प्राण,
नियमित योगासन से हमको, मिले कष्ट से त्राण,
योग साधना अपनाकर के, करें नित्य हम योग,
ऋषियों ने ही योग क्रिया के, निर्मित किये विधान।


दूर करें हम नेति-क्रिया से, तन के सभी विकार,
आराधना ध्यान आसन से, होते शुद्ध विचार,
स्वस्थ रहें अपना ये जीवन, रहें न कोई रोग,
यही योग विद्या भारत की, माने विश्व सुजान।


विद्या है ये योग-साधना, एक सफल विज्ञान,
हुए योग ऋषि पातञ्जलि जो, सिखा गये ये ज्ञान,
विश्व पटल पर आज सभी ने, किया योग स्वीकार,
वैद्य चिकित्सक सारे इससे, करते रोग निदान।


*** लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला ***

No comments:

Post a Comment

छंद सार (मुक्तक)

  अलग-अलग ये भेद मंत्रणा, सच्चे कुछ उन्मादी। राय जरूरी देने अपनी, जुटे हुए हैं खादी। किसे चुने जन-मत आक्रोशित, दिखा रहे अंगूठा, दर्द ...