Sunday, 22 April 2018

नदी का किनारा


 

सभी को सुहाता नदी का किनारा
हमें भी लुभाता नदी का किनारा 


कई याद मेरी दफन हैं यहाँ पर
वही सब दिखाता नदी का किनारा 


गये वक्त की याद जब छल छलाए
दिलासा दिलाता नदी का किनारा 


जिसे ज़िन्दगी में नहीं याद आया
मरे तब बुलाता नदी का किनारा 


कई "चन्द्र" संगम हुये ज़िन्दगी के
चिता भी सजाता नदी का किनारा


*** चन्द्र पाल सिंह ***

No comments:

Post a Comment

सूरज का संदेश

  बेसुध करती रात सयानी, नित्य सँवारे रवि-स्यंदन है। हार न जाना कर्म पथिक तुम, सुख-दुख सत्य चिरंतन है। मत घबराना देख त्रासदी, उम्मीदों से ज...