Sunday, 9 August 2015

एक चतुष्पदी

 
लिखा हाथों में सखियों ने हिना में नाम तेरा है;
महकती मेरी साँसों की, सदा में नाम तेरा है।
सजन मेरे मुझे लेने, सजा डोली चले आओ;
शहर दुल्हन बना मेरा; फ़िज़ां में नाम तेरा है।


*** दीपशिखा

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