1.
हे गज बदन गजानन स्वामी,
तुमको नमन हमारा।
गौरी सुत गजपति गणनायक,
तुम बिन कौन सहारा।।
महाकाय लंबोदर गणपति,
सकल विश्व के स्वामी।
एकदंत विघ्नेश विनायक,
तुम हो अंतर्यामी।।
2.
हे भाल चंद्र हे धूम्र केतु ,
करता विनय तुम्हारी।
हे गणेश तुम प्रथम पूज्य हो,
विनती सुनो हमारी।।
इस पावन पर्व चतुर्थी में,
मेरे गेह पधारो।
डूब रहा जग शोक सिंधु में,
आकर नाथ उबारो।।
चन्द्र पाल सिंह "चन्द्र"
बहुत ही सुंदर जानकारी महोदय
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