Sunday, 7 March 2021

ईश की उत्कृष्ट कृति



ईश की उत्कृष्ट कृति है, ईश का बल आदमी
साध्य का लौकिक शिखर है, साधना फल आदमी

 

खोलता है द्वार सारे, यह सृजन का मूल बन
खोज ही लेता प्रलय में, प्रेम का आनंद घन
शूल के भी फूल के भी, दोष गुण है जानता
अश्रु में मुस्कान का रस, गीत गाकर ढालता

 

छांव में सोकर उठा है, धूप में जल आदमी
काल का रथ रोकने का, ढूँढता हल आदमी

 

तत्व मुट्ठी में किए सब, गूढ़ का चिंतन किया
सींच दी वसुधा सुधा से, सार जीवन का लिया
वेद को विज्ञान सौंपा, शून्य को नव रस दिये
प्राण देकर अस्मिता पर, यज्ञ मुंडों से किये

 

लांघता सागर हिमालय, थाह का तल आदमी
पंचभूतों पर विजय का, हांकता दल आदमी

 

सभ्यता के गुप्त धन की, भग्न नींवें खोदता
शास्त्र शस्त्रों की पुरातन, लीक टूटी जोड़ता
हारकर भी जीतता है, धर्म के हित प्राण दे
पूज्य देवों- सा बना है, दीन जन को त्राण दे

 

शब्द धागे में पिरोता, अर्थ का बल आदमी
मोक्ष के सोपान चढ़ता, काल का कल आदमी

 

डॉ. मदन मोहन शर्मा
सवाई माधोपुर, राज.

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