टूट कर भी लगा का लगा रह गया
दिल उसी आरज़ू से घिरा रह गया
दिल उसी आरज़ू से घिरा रह गया
पूजता ही रहा मैं जिसे इश्क़ में
एक बुत भर मेरा देवता रह गया
एक बुत भर मेरा देवता रह गया
मैंने सोचा था वो ही करेगा पहल
वो भी मेरी तरह सोचता रह गया
वो भी मेरी तरह सोचता रह गया
कारगर तो वहाँ बस दुआएँ रहीं
मैं हथेली पे लेकर दवा रह गया
मैं हथेली पे लेकर दवा रह गया
बाद बरसों मिले अजनबी की तरह
होते होते नया वाकया रह गया
होते होते नया वाकया रह गया
मोड़ दर मोड़ गुज़री है यूँ ज़िन्दगी
छूटता हर जगह का पता रह गया
छूटता हर जगह का पता रह गया
मन्ज़िलों तक पहुँच सिर्फ़ दो ही रहे
एक मैं रह गया इक ख़ुदा रह गया
एक मैं रह गया इक ख़ुदा रह गया
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*** मदन प्रकाश ***
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