Sunday, 3 May 2020

कितने संकट



संकट दूर कभी होता है, संकट संकट कहने से क्या?
त्राण मिलेगा तभी आप यदि, समाधान ढूँढें संकट का।
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जीवन में खुशियाँ यदि हैं तो, संकट का भी तय है आना, 
गिरगिट जैसे रंग बदलकर, रूप दिखाता है यह नाना, 
धीरज रखकर हिम्मत रखकर, इससे मानव लड़ सकता है,
ख़ुद पर संयम रखने से ही, तय होगा संकट का जाना, 
पूरा जोर लगा दें अपना, हम भारत के लोग अगर तो,
हर संकट को दूर भगाना, काम नहीं ज्यादा झंझट का। 
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त्राण मिलेगा तभी आप यदि.....
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भौतिक सुख से क्षीण हुई है, संकट से लड़ने की क्षमता,
लोग बाँटते जाति धर्म में, इसीलिये संकट में समता,
संकट में रक्षा बंधन है, आज वसीयत के नियमों से,
दीन हीन की रहती आई, जग भर में संकट में ममता,
मानव का मानव के प्रति भी, दृष्टिकोण बदला-बदला है,
संकट से है अगर उबरना, त्याग जरूरी घबराहट का।
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त्राण मिलेगा तभी आप यदि.....
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पैसे का संकट पैसे से, एक दिवस हो जाता है हल,
मगर भावनाओं का संकट, रिश्तों का जाँचा करता बल,
रोग शोक का संकट अक्सर, वक़्त मिटा देता है लेकिन,
अपनों को खोने का संकट, हमें सालता रहता हर पल,
बुद्धिमता तो इसमें ही है, पा लें पार हरिक संकट से,
होता लेकिन काम बड़ा ही, संकट से लड़ना जीवट का।
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त्राण मिलेगा तभी आप यदि.....
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*** गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' बीकानेरी ***

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