Sunday, 15 September 2019
गणपति बप्पा मोरिया
जय गौरीनंदन, हे जगवंदन,
सुनहु प्रार्थना, यह मोरी।
हौं अवतरुँ जँह जँह, तुम हो तँह तँह,
करहुँ भगति नित, मन तोरी।।1।।
जय गणपति देवा, मोदक मेवा,
भोग देय तव, यह दासा।
किरपा तव पावहुँ, तव जस गावहुँ ,
अनत नहि मम, मनआसा।।2।।
जय जय गणनायक, बुद्धि प्रदायक,
हरहु हृदय प्रभु, अज्ञाना।
नव चिंतन पावहुँ, जन हित धावहुँ,
करहु दृष्टि मम, विज्ञाना।।3।।
धरुँ सेवक बाना, जन कल्याना,
भाव हृदय प्रभु, भर डालूँ।
रिपु मीत बनालूँ, हृदय लगालूँ,
रिपुता पुनि नहि, प्रभु पालूँ।।4।।
सुनु हे लम्बोदर, हे विद्याधर,
अबकि बरस तुम, पुनि आना।
हम बाट निहारें, तुमहिं पुकारें,
हमहुँ न तुम प्रभु, बिसराना।।5।।
*** अवधूत कुमार राठौर ***
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