Sunday, 18 August 2019

स्वतन्त्रता का गीत

 
युगों युगों से चल रही, उत्सव की यह रीत,
आजादी का पर्व है, गाओ मंगल गीत।

घोर गुलामी में रहे, बहुत हुए बर्बाद,
संघर्षों के बाद ही, आज हुए आजाद,

भारत माँ को है नमन, जगी सभी में प्रीत,
आजादी का पर्व है, गाओ मंगल गीत।


कुर्बानी जो दे गये, सदा रहेंगे याद,
इसका प्रतिफल ये मिला, सब होंगे आबाद,

उन सबके गुणगान में, सुखद बजे संगीत,
आजादी का पर्व है, गाओ मंगल गीत।


आज पूर्ण आजाद हैं, होगा सही विकास,
भेद भाव सब छोड़ कर, करने उचित प्रयास,

हर जन में उत्साह हो, हर जन में हो प्रीत,
आजादी का पर्व है, गाओ मंगल गीत।


*** मुरारि पचलंगिया ***

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