Sunday, 14 July 2019

मर्म धर्म का


 
मर्म धर्म का समझो पहले
फिर करना प्रभु का ध्यान
काशी काबा व्यर्थ है सब कुछ
अंतस में सब धाम
पावन गंगा क्या करे
सब कर्मों के हैं फल
अच्छे कर्म नहीं तो मनवा
गंगा सिर्फ है जल
जाने भ्रम में जीने का
ये क्यों करता अभिमान
सच्चा सुख नहीं काशी में
 क्यों समझा न इंसान
कर्म ईश है, कर्म है गंगा,
कर्म ही शक्तिमान
राशि, रत्न और ग्रह शान्ति से
कब मुश्किल हुई आसान
अच्छे कर्मों से तू मानव
कर अपना उत्थान
दीन दुखी को सहारा देकर
अपना जन्म सँवार 
अच्छे कर्मों के अच्छे ही
फल देते भगवान्
प्रभु मिलन की अच्छे कर्म ही
राह करते आसान
पाप कर्म से तौबा कर
फिर होंगे
तुझ में
चारों धाम
तुझमें
तेरे राम
तुझमें
तेरे श्याम 

*** सुशील सरना ***

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