शौर्य गुणों से युक्त भूमि ये, पैदा करती वीर जवान।
वीर प्रसूता भारत माँ से, बना विश्व में देश महान।।
झूठ कपट के सँग फरेब का, जिनके रोम-रोम में वास।
सत्य-अहिंसा पर चलने का, उन पर कौन करें विश्वास।।
बसे पनाहों में आतंकित, पाक शरण में बना मुकाम।
उनको लगते व्यर्थ सभी ये, बाइबिल गीता और कुरान।।
वीरों के अदम्य साहस से, अंधियारों का हटे वितान।
शौर्य गुणों से युक्त भूमि ये, पैदा करती वीर जवान।।
घात लगाकर हमला करते, घर-घर बाँट रहें हथियार।
छद्म-वेश में छुरा भोंकते, करें सदा ही अत्याचार।।
मानवता जिनकी मर जाती, उनको होता नहीं मलाल।
छलना ही आदत है जिनकी, उन्हें नहीं रिश्तों का मान।।
कौन उजाड़े घर की शोभा, करें यहाँ उनकी पहचान।
शौर्य गुणों से युक्त भूमि ये, पैदा करती वीर जवान।।
फौजी रक्षा करें देश की, करे न बिल्कुल इसमें देर।
रहे सुरक्षित देश हमारा, रक्षा करते वीर दिलेर।।
एक मरे तो सौ को मारे, रखे हौसला बहुत बुलंद।
ख़ुशी-ख़ुशी क़ुरबानी देते, मुख पर खिले सदा मुस्कान।
शहीद स्मारक गाँव-गाँव में, अविरल जलती जहाँ मशाल।
शौर्य गुणों से युक्त भूमि ये, पैदा करती वीर जवान।।
*** लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला ***
सत्य-अहिंसा पर चलने का, उन पर कौन करें विश्वास।।
बसे पनाहों में आतंकित, पाक शरण में बना मुकाम।
उनको लगते व्यर्थ सभी ये, बाइबिल गीता और कुरान।।
वीरों के अदम्य साहस से, अंधियारों का हटे वितान।
शौर्य गुणों से युक्त भूमि ये, पैदा करती वीर जवान।।
घात लगाकर हमला करते, घर-घर बाँट रहें हथियार।
छद्म-वेश में छुरा भोंकते, करें सदा ही अत्याचार।।
मानवता जिनकी मर जाती, उनको होता नहीं मलाल।
छलना ही आदत है जिनकी, उन्हें नहीं रिश्तों का मान।।
कौन उजाड़े घर की शोभा, करें यहाँ उनकी पहचान।
शौर्य गुणों से युक्त भूमि ये, पैदा करती वीर जवान।।
फौजी रक्षा करें देश की, करे न बिल्कुल इसमें देर।
रहे सुरक्षित देश हमारा, रक्षा करते वीर दिलेर।।
एक मरे तो सौ को मारे, रखे हौसला बहुत बुलंद।
ख़ुशी-ख़ुशी क़ुरबानी देते, मुख पर खिले सदा मुस्कान।
शहीद स्मारक गाँव-गाँव में, अविरल जलती जहाँ मशाल।
शौर्य गुणों से युक्त भूमि ये, पैदा करती वीर जवान।।
*** लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला ***
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