Sunday, 20 January 2019

चंदा


निकला शशि जब व्योम पर, आई तेरी याद।
प्रेम प्रेयसी सत्य ही, सब कुछ तेरे बाद।।1।।

विधु से पूछूँ मैं सदा, अब तक मिले न नैन।
दिखती कैसी प्रेयसी, हर पल मैं बेचैन।।2।।

इंदु कहे अब भानु से, मेरी क्या औकात।
लेकर तेरी रोशनी, बाँटू सारी रात।।3।।


*** राहुल प्रताप सिंह 'प्रताप' ***

1 comment:

आगत का है स्वागत करना - एक गीत

आगत का है स्वागत करना, संस्कृति का आधार लिए। मंत्र सिद्ध अनुशासित जीवन, नेकी सद आचार लिए। घटती-बढ़ती नित्य पिपासा, पथ की बाधा बने नह...