खेल-कूद जीवन का ऐसा गहना होता है
जहाँ हार को स्वस्थ हृदय से सहना होता है
मिली विजय श्री तुम्हें बधाई तुम बेहतर खेले
प्रतिस्पर्धी से ये हँसकर कहना होता है
धैर्य नहीं खोना होता है कभी पराजय पर
हर हालत में अनुशासन में रहना होता है
खुशी मनानी अलग बात है गर्व न मन में हो
जब जब कोई हार विजय का पहना होता है
चोट अगर लग जाए तो मानो ख़ुद की ग़लती
लेकिन प्रतिद्वन्द्वी से कहाँ उलहना होता है
खेल निखरता है जिससे वो मंत्र बताता हूँ
आदर देकर गुरु चरणों को गहना होता है
*** अनमोल शुक्ल 'अनमोल'
प्रतिस्पर्धी से ये हँसकर कहना होता है
धैर्य नहीं खोना होता है कभी पराजय पर
हर हालत में अनुशासन में रहना होता है
खुशी मनानी अलग बात है गर्व न मन में हो
जब जब कोई हार विजय का पहना होता है
चोट अगर लग जाए तो मानो ख़ुद की ग़लती
लेकिन प्रतिद्वन्द्वी से कहाँ उलहना होता है
खेल निखरता है जिससे वो मंत्र बताता हूँ
आदर देकर गुरु चरणों को गहना होता है
*** अनमोल शुक्ल 'अनमोल'
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