Sunday 5 August 2018

ख़ता/ग़लती/भूल


ख़ता का पुतला होता है बशर की जात समझो सब
ख़ता करना अगरचे है बुरी इक बात समझो सब

ख़ता करता नहीं इंसान वो भगवान हो जाता
अगर मिलता कोई ऐसा उसे सौगात समझो सब

ख़ता होती अगर अनजाने में तो माफ़ की जाये
ख़ताएँ जानकर करता उसे बदजात समझो सब

ख़ता गर एक ही करता मुसल्सल बारहा इन्सां
यक़ीनन जुर्म की करता है वह शुरुआत समझो सब

ख़ता की कोशिशें हरगिज़ न हो आओ अहद कर लें
ख़ता की जान कर ख़ुद पर कुठाराघात समझो सब

ख़ता होगी समझिये फिर सज़ा भी कुछ मिलेगी ही
सज़ा का दायरा मुमकिन बुरे हालात समझो सब

ख़ताओं से 'तुरंत' अब से हमेशा के लिए तौबा
ग़मों की चाहिए हमको नहीं बरसात समझो सब

*** गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' बीकानेरी
***


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