रक्षा बन्धन पर्व देश में, खुशियों का त्यौहार,
करे बहन भाई आपस में, स्नेह भरा इजहार।
बाँध कलाई पर ये राखी, करे प्रेम मनुहार,
एक डाल की शाखाओं में, सच्चा प्यार दुलार,
रेशम के कच्चे धागे में, छुपा बहन का प्यार,
रक्षा बन्धन पर्व देश में, खुशियों का त्यौहार।
बहन द्रौपदी की केशव ने, रक्षा की भरपूर,
चीर वस्त्र से उसे बचा के, किया कष्ट यूँ दूर,
सामाजिक रिश्ते भारत में, शास्वत प्रेम के द्वार,
रक्षा बन्धन पर्व देश में, खुशियों का त्यौहार।
युग-युग होता भ्रात बहन का, रिश्तों का संसार,
साथ निभाने का धागे में, वादों का आधार,
मिला हुमायूँ को भी देखो, कर्णावति का प्यार,
रक्षा बन्धन पर्व देश का, खुशियों का त्यौहार।
सरिता सी पावन बहना से, विकसित यहाँ समाज,
तज कर नेह कुटीर हृदय में, भरे प्यार का साज,
उर मरुथल को सींच नेह से, करती प्यार अपार,
रक्षा बन्धन पर्व देश में, खुशियों का त्यौहार।
***** लक्ष्मण रामानुज लडीवाला
एक डाल की शाखाओं में, सच्चा प्यार दुलार,
रेशम के कच्चे धागे में, छुपा बहन का प्यार,
रक्षा बन्धन पर्व देश में, खुशियों का त्यौहार।
बहन द्रौपदी की केशव ने, रक्षा की भरपूर,
चीर वस्त्र से उसे बचा के, किया कष्ट यूँ दूर,
सामाजिक रिश्ते भारत में, शास्वत प्रेम के द्वार,
रक्षा बन्धन पर्व देश में, खुशियों का त्यौहार।
युग-युग होता भ्रात बहन का, रिश्तों का संसार,
साथ निभाने का धागे में, वादों का आधार,
मिला हुमायूँ को भी देखो, कर्णावति का प्यार,
रक्षा बन्धन पर्व देश का, खुशियों का त्यौहार।
सरिता सी पावन बहना से, विकसित यहाँ समाज,
तज कर नेह कुटीर हृदय में, भरे प्यार का साज,
उर मरुथल को सींच नेह से, करती प्यार अपार,
रक्षा बन्धन पर्व देश में, खुशियों का त्यौहार।
***** लक्ष्मण रामानुज लडीवाला
सहज साहित्य ब्लॉग पर मेरी गीत रचना को पोस्ट करने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय Vishwajeet Sapan जी साहब ।
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