Subscribe to:
Post Comments (Atom)
छोड़ कर जाना नहीं प्रिय - एक गीत
छोड़ कर जाना नहीं प्रिय साथ मेरे वास कर लो। पूर्ण होती जा रही मन कामना तनु प्यास भर लो। मैं धरा अंबर तुम्ही हो लाज मेरी ढाँप लेना। मैं रहूँ...

-
गहरी आँखों से काजल चुराने की बात न करो। दिलकश चेहरे से घूँघट उठाने की बात न करो।। सावन है बहुत दूर ऐ मेरे हमदम मेरे हमसफ़र। बिन म...
-
पिघला सूर्य , गरम सुनहरी; धूप की नदी। बरसी धूप, नदी पोखर कूप; भाप स्वरूप। जंगल काटे, चिमनियाँ उगायीं; छलनी धरा। दही ...
sari kshanikaye ek se ek hai..bhut sunder...laazwaab :)
ReplyDeleteधन्यवाद सत्यम शिवम जी.
ReplyDelete