Sunday, 17 August 2025

मन से कटुता दूर हटाएँ - एक गीत

 

मतभेदों को भूल-भालकर, आजादी का जश्न मनाएँ।
राग द्वेष को त्याग यहाँ पर, मन से कटुता दूर हटाएँ।।

मन-मुटाव का कारण खोजें, मन की गलियों के उजियारे।
हो चाहे मतभेद भिन्नता , भारत माँ के हम सब प्यारे।।
रहे एकता सबके दिल में, मनभेद नहीं मन आने पाएँ ।
राग-द्वेष को त्याग यहाँ पर, मन से कटुता दूर हटाएँ।।

जाति-धर्म हो पृथक भले ही, रहे अखंडित देश हमारा।
सर्व-धर्म सद्भाव यहाँ का, अखिल विश्व में सबसे न्यारा।।
मन प्रसन्न हो तन उत्फुल्लित, प्यार हृदय में हम बरसाएँ।
राग द्वेष को त्याग यहाँ पर, मन से कटुता दूर हटाएँ।।

अभिव्यक्ति की यहाँ स्वतंत्रता, संविधान ने दी जनता को ।
स्वागत सभी विचारों का हो, कटुता कभी नहीं धरता को।।
ऊँच-नीच का भेद मिटाकर, दिल में करुणा भाव जगाएँ।
राग द्वेष को त्याग यहाँ पर, मन से कटुता दूर हटाएँ।।

*** लक्ष्मण लड़ीवाला 'रामानुज'

No comments:

Post a Comment

मन से कटुता दूर हटाएँ - एक गीत

  मतभेदों को भूल-भालकर, आजादी का जश्न मनाएँ। राग द्वेष को त्याग यहाँ पर, मन से कटुता दूर हटाएँ ।। मन-मुटाव का कारण खोजें, मन की गलियों के उज...