Sunday, 10 February 2019

प्रयाग कुम्भ



आस्थाओं का संगम है यह, संस्कृतियों का अद्भुत दर्शन,
महा-विराट यह आयोजन सप्त कोटि जनों का दिग्दर्शन,
इतना विशाल इतना महान दुनिया कहती जिसको वंडर,
शिष्टाचार समता करुणा शुध्द आचरण का मार्गदर्शन। 


यह कुम्भ नही है, स्वर्ग है ये जिसमे बहती अमृत धारा,
बहु-आयामी है यह आयोजन मीठापन सारा ही सारा,
धन्य कहाते मानव-जन जो चखते इसका स्वाद यहाँ,
स्नान करो और दूर करो सब क्रोध घृणा का जल खारा।


*** आदित्य तायल ***

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