Sunday, 15 October 2023

चामर छंद - प्रदत्त चित्र पर

 

कीच में पला बढ़ा सुनेह नीर का मिला।
प्राप्त पात का सुसंग श्वेत पद्म है खिला।।
अंबु-अंक शुभ्र कंज ताल मध्य शोभता।
शांति का प्रतीक स्निग्ध नैन सर्व लोभता।।

कंज पंक - अंबु से सदैव राग त्यागता।
सत्य शुभ्र पद्म-सा तभी विवेक जागता।।
स्वेत अब्ज-सा चरित्र स्निग्ध सर्व कीजिये।
सत्य निष्ठ कर्म निर्विकार मान लीजिए।।

*** चंद्रपाल सिंह "चंद्र"

No comments:

Post a Comment

"फ़ायदा"

  फ़ायदा... एक शब्द जो दिख जाता है हर रिश्ते की जड़ों में हर लेन देन की बातों में और फिर एक सवाल बनकर आता है इससे मेरा क्या फ़ायदा होगा मनुष्य...