Monday 11 September 2023

जन-जन के श्याम बिहारी - एक गीत




चित्त-चोर सब कहें गोपियाँ, जन-जन के श्याम बिहारी।
मुग्ध करे मन बजा मुरलिया, सबके वह कृष्ण मुरारी।।

नटखट कान्हा कहे यशोदा, मिट्टी खाकर झुठलाते।
मुँह खुलवाती जब कान्हा से, मुँह में ब्रहमांड दिखाते।।
माखन चोर कहें सब सखियाँ, जाती उनपर बलिहारी।
मुग्ध करे मन बजा मुरलिया, सबके वह कृष्ण मुरारी।।

नित्य दही माखन की हाँडी, सखियाँ छीके पर टाँके।
फिर कान्हा की बाँट निहारे, ओट लिए छुपकर झाँके।।
सन्त-पुरोधा जपते कहकर, केशव माधव गिरिधारी।
मुग्ध करे मन बजा मुरलिया, सबके वह कृष्ण मुरारी।।

मधुवन में आ कृष्ण-राधिका, जब आकर रास-रचाते।
ब्रह्मा शिव भी भेष बदलकर, उन्हें देख मन हर्षाते।।
जिसे त्रिलोकी नाथ कहे सब, वह चक्र सुदर्शन धारी।
मुग्ध करे मन बजा मुरलिया, सबके वह कृष्ण मुरारी।। 

*** लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला

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  1. रचना को ब्लॉग पर प्रकाशित करने के लिए हार्दिक आभार आद. Vishwajeet Sapan जी

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