Sunday, 26 January 2020
रहे तिरंगा लहराता अपना भारत सबसे प्यारा
निर्मल पावन श्वेत वर्ण अविरल बहती गंगा धारा,
सांझ सवेरे केसरिया रंग लगे है नभ का न्यारा,
हरियाली चादर ओढ़े खेतों में फ़सलें गाती हैं,
रहे तिरंगा लहराता अपना भारत सबसे प्यारा।
सोंधी-सोंधी महक सुगन्धित चन्दन सम मिट्टी इसकी,
राम, कृष्ण, गौतम, नानक सब गाते महिमा थे जिसकी,
मानवता का पाठ सिखाया विश्वगुरु है देश हमारा,
संस्कृति के नभ में जगमग चमके है जैसे ध्रुव तारा,
रहे तिरंगा लहराता अपना भारत सबसे प्यारा।
भारत माँ के अमर शहीदों का तुम गौरव गान करो,
नतमस्तक दुनिया सारी है क्यों न फिर तुम मान करो,
अफवाहों के दौर को समझो दंगे ना भड़काओ तुम,
दुश्मन है चालें चलता ये खेल उसी का है सारा,
रहे तिरंगा लहराता अपना भारत सबसे प्यारा।
तोड़ धर्म की दीवारें दो आज अभी लो प्रण सारे,
गणतंत्र दिवस में गूँज उठे प्यार भरे कौमी नारे,
मन्दिर में ख़ुद ख़ुदा बसे जी मस्जिद में भगवान रहे,
गिरजाघर भी अपना है साझा है सबका गुरुद्वारा,
रहे तिरंगा लहराता अपना भारत सबसे प्यारा।
*** सरदार सूरजपाल सिंह ***
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