Sunday, 25 December 2016
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नव द्वार खोल आए - गीत
नव वर्ष आगमन पर नव द्वार खोल आए। नव भोर की प्रभा में नव राग घोल आए। निज सोच शुद्ध हो ले कुछ ज्ञान बुद्ध कर लें। बाटें क्षमा ...
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पिघला सूर्य , गरम सुनहरी; धूप की नदी। बरसी धूप, नदी पोखर कूप; भाप स्वरूप। जंगल काटे, चिमनियाँ उगायीं; छलनी धरा। दही ...
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प्रेम की जोत से। ज्ञान के स्रोत से। आत्म चैतन्य हो। प्रेम से धन्य हो॥1॥ भावना प्रेम हो। कामना क्षेम हो। वेद का ज्ञान हो। कर्म में...
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