परेशान है देख कर, कैसे कैसे लोग।
मतलब अपना साध कर, रहे राज सुख भोग।।
मेरा तो मेरा सही, तेरा सो भी मोर।
परेशान सब को करे, लोग बड़े गुण चोर।।
काम किसी का हो नहीं, अटकाना है खूब।
परेशान सब को करे, अहम भाव में डूब।।
चींटी के पर आ गये, परेशान सब राम।
मिनटो में पर कट गए, धरती गिरी धड़ाम।।
मनवा तो मरकट भया, लपट झपट लब्बूर।
परेशान सब को करे, कूद फन्द लंगूर।।
*** जी पी पारीक, राजस्थान
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