पेड़ की छाँव में,
मेरे ही गाँव में,
न सताया करो, न रुलाया करो।
मेरे ही गाँव में,
न सताया करो, न रुलाया करो।
चाँदनी रात है,
आस की प्यास है,
घर भी मेरा कहीं, बस तेरे पास है,
आया-जाया करो और बुलाया करो
न सताया ....
आस की प्यास है,
घर भी मेरा कहीं, बस तेरे पास है,
आया-जाया करो और बुलाया करो
न सताया ....
सुबह होने लगी,
शब को मेंहदी लगी,
कू-कू करती ये कोयलिया गाने लगी,
तुम भी गाया करो और सुनाया करो,
न सताया ....
शब को मेंहदी लगी,
कू-कू करती ये कोयलिया गाने लगी,
तुम भी गाया करो और सुनाया करो,
न सताया ....
नींद में ख़्वाब है,
ख़्वाब में प्यार है,
ख़्वाब ही ख़्वाब में तेरा दीदार है,
तुम सुलाया करो और जगाया करो,
न सताया ....
ख़्वाब में प्यार है,
ख़्वाब ही ख़्वाब में तेरा दीदार है,
तुम सुलाया करो और जगाया करो,
न सताया ....
विश्वजीत 'सपन'
01.06.2013
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