Saturday 14 April 2012
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
रीति निभाने आये राम - गीत
त्रेता युग में सूर्य वंश में, रीति निभाने आये राम। निष्ठुर मन में जागे करुणा, भाव जगाने आये राम।। राम नाम के उच्चारण से, शीतल जल ...
-
अंधकार ने ली विदा, ऊषा का आगाज़। धानी चूनर ओढ़ ली, धरती ने फिर आज।।1।। अम्बर से ऊषा किरण, चली धरा की ओर। दिनकर की देदीप्यता, उतरी ...
-
पिघला सूर्य , गरम सुनहरी; धूप की नदी। बरसी धूप, नदी पोखर कूप; भाप स्वरूप। जंगल काटे, चिमनियाँ उगायीं; छलनी धरा। दही ...
बहुत गहन और सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteबहुत-बहुत आभार आपका
Delete