Friday, 25 November 2011

रचनाकार: विश्वजीत 'सपन' की कविता - हक़ीक़त

रचनाकार: विश्वजीत 'सपन' की कविता - हक़ीक़त

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जीवन है संगीत - एक गीत

  शाश्वत गुंजित प्रणवाक्षर का, सतत् चल रहा गीत। उतर मौन में सुनो ध्यान से, जीवन है संगीत। चले समीरण सर-सर सर-सर, गाती है निर्भ्रांत। जल सरित...