धुंध ने डाला डेरा - एक गीत

  ठिठुर रही है सृष्टि हमारी, छाया हुआ अँधेरा। लिपट न पायी धूप धरा से, धुंध ने डाला डेरा॥ हिम-कण बनकर शूल बरसते,  मौन हुई है वाणी। नदी-सरोवर ...