पंद्रह से सोलह हुआ, गाते गाते गीत।
साल सोलवां आ गया, बन करके मनमीत।।1।।
विगत वर्ष जो रह गये, आदि व्याधियाँ शेष।
रहें न नूतन वर्ष में,उनके भी अवशेष।।2।।
मंगलमय नव वर्ष हो, दे सबको समृद्धि।
मान सम्पदा कीर्ति में, हो दिन दूनी वृद्धि।।3।।
नई किरण के साथ ही, आया नवल प्रकाश।
लेना है संकल्प नव, छूने को आकाश।।4।।
हों प्रसन्न माँ शारदे, कृपा करें भरपूर।
सृजन कार्य होता रहे, संकट हों सब दूर।।5।।
**हरिओम श्रीवास्तव**
रहें न नूतन वर्ष में,उनके भी अवशेष।।2।।
मंगलमय नव वर्ष हो, दे सबको समृद्धि।
मान सम्पदा कीर्ति में, हो दिन दूनी वृद्धि।।3।।
नई किरण के साथ ही, आया नवल प्रकाश।
लेना है संकल्प नव, छूने को आकाश।।4।।
हों प्रसन्न माँ शारदे, कृपा करें भरपूर।
सृजन कार्य होता रहे, संकट हों सब दूर।।5।।
**हरिओम श्रीवास्तव**
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