जीवन तो अनमोल है, मिले न यह दो बार।
कब आया यह लौट कर, जी भर जी लो यार।।2।।
जीवन तो अनमोल है, बीत न जाए व्यर्थ ।
अच्छे कर्मों से इसे, देना शाश्वत अर्थ।।3।।
जीवन तो अनमोल है, इसके अनगिन रूप।
इसके आँचल में पले, निर्धन हो या भूप।।4।।
जीवन तो अनमोल है, रखो इसे संभाल ।
बहुत कठिन है जानना, इसका अर्थ विशाल।।5।।
जीवन तो अनमोल है, रखना इसका मान।
देना इसकी गंध को, एक नई पहचान।।6।।
जीवन तो अनमोल है, सुख - दुख इसके तीर।
एक तीर पर कहकहे, एक तीर पर पीर।।7।।
*** सुशील सरना
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