गांधी जयन्ती आज, आज बन्द राज काज॥
राष्ट्रपिता राष्ट्र शान, विश्व सकल करे मान॥1॥
सत्य कर्म राष्ट्र धर्म, जीवन का समझ मर्म।
मोह लोभ छोड़ राग, चल पड़े डर को त्याग॥2॥
सत्य अहिंसा विशेष, शस्त्र धार सत्व वेष।
राह चुना असहयोग, जग में चकित थे लोग॥3॥
हुआ नहीं रक्तपात, विजयी हुआ कृश गात।
याद करें वही रात, शासक को मिली मात॥4॥
गांधी के तीन मंत्र, मान हुए हम स्वतंत्र।
प्रिय हमें है गणतंत्र, भारत का लोकतंत्र॥5॥
गांधी जयन्ती धूम, उत्सव मनायें झूम।
सत्य प्रेम दया धर्म, अपना लें मान कर्म॥6॥
कुन्तल श्रीवास्तव.
डोंबिवली, महाराष्ट्र.
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