शत-शत नमन करूँ तुझको माँ, तू ही भाग्यविधाता।
अपने चरणों में रहने दे, कृपा करो हे माता।।
जिसने तुझको शीश नवाया, शरण तिहारी आया,
उसने सारे कष्ट बिसारे, सुख का जीवन पाया,
ध्याता है वह तुझको निशदिन,तेरे ही गुण गाता,
अपने चरणों में रहने दे, कृपा करो हे माता।।
जब शिव का अपमान हुआ माँ , तूने धुनी रमाई,
शैलराज के घर माँ जन्मी, शैल सुता कहलाई,
हर नारी में माँ दृढ़ता का, बल तुझसे ही आता,
अपने चरणों में रहने दे, कृपा करो हे माता।।
कालरात्रि बन माता तूने, हर अँधकार मिटाया,
सारे जग को दे दी सुख की, माता तूने छाया,
तेरा ही है शक्ति रूप में, हर नारी से नाता,
अपने चरणों में रहने दे, कृपा करो हे माता।।
~ फणीन्द्र कुमार ‘भगत’
उसने सारे कष्ट बिसारे, सुख का जीवन पाया,
ध्याता है वह तुझको निशदिन,तेरे ही गुण गाता,
अपने चरणों में रहने दे, कृपा करो हे माता।।
जब शिव का अपमान हुआ माँ , तूने धुनी रमाई,
शैलराज के घर माँ जन्मी, शैल सुता कहलाई,
हर नारी में माँ दृढ़ता का, बल तुझसे ही आता,
अपने चरणों में रहने दे, कृपा करो हे माता।।
कालरात्रि बन माता तूने, हर अँधकार मिटाया,
सारे जग को दे दी सुख की, माता तूने छाया,
तेरा ही है शक्ति रूप में, हर नारी से नाता,
अपने चरणों में रहने दे, कृपा करो हे माता।।
~ फणीन्द्र कुमार ‘भगत’
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