सागर-मंथन से हुआ, लक्ष्मी का अवतार,
पूजन माँ का सब करें, करें खूब मनुहार,
सबको धन की चाह है, क्या राजा क्या रंक -
धन-वैभव माँ दे रही, ख़ुशियों का आधार।।
करते हैं सब वंदना, देकर छप्पन भोग,
धन-वैभव सब माँगते, लक्ष्मी से संयोग ,
आशिष लक्ष्मी का मिले, बनता नर धनवान -
शुभ दिन कार्तिक माह में, बनता यह शुभ योग।।
*** मुरारि पचलंगिया
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