कार्य योजना बने वर्ष की, क्या करना इस साल में।
लक्ष्य किये अपने निर्धारित, पूर्ण करे हर हाल में।।
संकल्प दिलाते जोश हमेशा, रखना सदा विचार में।
विगत वर्ष से अनुभव लेकर, बढ़े कदम संसार में।।
सब्ज-बाग झूठे दिखलाते, फँसना नहीं दुराव में।
श्रम से चमन खिलाये उनके, रहे सदा बर्ताव में।।
सबका साथ निभाने का ही, रिश्ता हो व्यवहार में।
विगत वर्ष से अनुभव लेकर, बढ़े कदम संसार में।।
नहीं निराशा में दिन बीते, हर पल बीते काम में।
संकल्पों को पूरा करने, कमी न हो अंजाम में।।
सुधिमन से हम नये वर्ष में, बहे सुगम रस धार में।
विगत वर्ष से अनुभव लेकर, बढ़े कदम संसार में।।
*** लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला
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