Sunday, 7 January 2024

जीत का उद्गम - एक गीत

 

जीत का उद्गम सदा से हार है।
हार में ही जीत का इक द्वार है।।

मन की आशाएँ मिटाना मत कभी,
हार का सपना सजाना मत कभी।
कोशिशों से मन हटाना मत कभी,
ये चुनौती जीत का आधार है।।

इम्तिहानों में निखरती ज़िन्दगी,
आँधियों में ही संभलती ज़िन्दगी।
मुश्किलों में ही सँवरती ज़िन्दगी,
वक़्त का हर क्षण लगा दरबार है।।

असफलता में सफलता है छिपी,
और निराशा में भी आशा है छिपी।
दुख में भी ख़ुशियों की माला है छिपी,
हार देती जीत का उपहार है।।

जीत का उद्गम सदा से हार है।
हार में ही जीत का इक द्वार है।।

*** डॉ. आनन्द किशोर

No comments:

Post a Comment

आगत का है स्वागत करना - एक गीत

आगत का है स्वागत करना, संस्कृति का आधार लिए। मंत्र सिद्ध अनुशासित जीवन, नेकी सद आचार लिए। घटती-बढ़ती नित्य पिपासा, पथ की बाधा बने नह...