सबके अपने पर्व हैं, दें उमंग उत्साह।
तमस दूर मन का करें, हो प्रकाशमय राह।।
समरस जीवन तो कभी, आया करे न रास।
मात्र एक त्योहार ही, कर देते दिन खास।।
नव उमंग उल्लास नव, नवल नवल परिधान।
बर्फी खीर सेवइयां, भिन्न भिन्न मिष्ठान्न।।
गले मिलें फिर प्रेमवश, देते हैं उपहार।
पास सिमटकर आ गया, हो जैसे संसार।।
प्रेम और रिश्ते तभी, होते हैं मजबूत।
मात्र एक त्योहार ही, हैं प्रत्यक्ष सबूत।।
*** डॉ. राजकुमारी वर्मा
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