कहते थे कि कुछ अनजाना हुआ,
हुआ तो बस पहचाना हुआ,
कहीं सुना था हमने भी,
जो होता है, सो तो होना ही था,
तो क्या हुआ?
क्यों हुआ?
कहते ही क्यों हो?
अब तो ये जीवन का बस एक पहलू है,
के होने-जाने का दोष नहीं,
वह तो राजनेताओं की तरह दलबदलू है.
============================= सपन
हुआ तो बस पहचाना हुआ,
कहीं सुना था हमने भी,
जो होता है, सो तो होना ही था,
तो क्या हुआ?
क्यों हुआ?
कहते ही क्यों हो?
अब तो ये जीवन का बस एक पहलू है,
के होने-जाने का दोष नहीं,
वह तो राजनेताओं की तरह दलबदलू है.
============================= सपन
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